जमीन, मकान, प्लॉट, दुकान सभी तरह की प्रॉपर्टी (संपत्ति) पर 2025 में लागू ये 10 नए नियम

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संपत्ति के मामले में भारत में कई बड़े बदलाव और अदालत के अहम फैसले साल 2025 में सामने आए हैं। जमीन, मकान, प्लॉट और अन्य संपत्तियों से जुड़े ये नियम हर नागरिक के लिए जानना जरूरी हैं। यहां हम इन फैसलों और सरकार के नए दिशा-निर्देशों की विस्तृत जानकारी दे रहे हैं।


1. पैतृक संपत्ति में बेटियों का अधिकार

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि यदि पिता की मृत्यु बिना वसीयत के होती है, तो बेटियों को भी पुत्रों के बराबर पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलेगा। हालांकि यदि पिता ने वसीयत में स्पष्ट रूप से बेटियों को संपत्ति से बाहर रखा है, तो यह अधिकार समाप्त हो सकता है।


2. अवैध संबंध से जन्मे बच्चों के अधिकार

उत्तराखंड UCC (समान नागरिक संहिता) बिल के तहत यह प्रावधान किया गया है कि अवैध संबंधों से जन्मे बच्चों को भी पिता की संपत्ति में बराबरी का अधिकार दिया जाएगा। यह निर्णय समानता और संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।


3. दामाद का ससुर की संपत्ति में अधिकार

एक बड़े कानूनी सवाल पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दामाद का ससुर की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा जब तक कि ससुर ने अपनी वसीयत में उसे संपत्ति देने की घोषणा नहीं की हो।


4. माता-पिता की सेवा न करने पर संपत्ति से बेदखली

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि यदि बच्चे माता-पिता की देखभाल नहीं करते हैं, तो माता-पिता अपनी दी हुई संपत्ति वापस ले सकते हैं।


5. पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि संपत्ति पत्नी के नाम पर खरीदी गई है तो वह संपत्ति पत्नी की मानी जाएगी, भले ही खरीदने के लिए पैसे पति ने दिए हों।


6. संपत्ति जब्ती और नया पोर्टल ‘बैंकनेट’

सरकार ने जब्त की गई संपत्तियों की बिक्री और खरीद को आसान बनाने के लिए नया पोर्टल ‘बैंकनेट’ लॉन्च किया है। यह कदम आर्थिक अपराधियों से जब्त संपत्ति के उचित उपयोग के लिए उठाया गया है।


7. प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना

सरकार ने संपत्ति मालिकों को सशक्त बनाने के लिए स्वामित्व योजना के तहत 50 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए हैं। यह ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति विवादों को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।


8. अदालत का कड़ा फैसला

एक मामला जहां बेटा अदालत में यह कहकर पहुंचा कि “मां ने संपत्ति नहीं दी इसलिए सेवा नहीं करूंगा,” पर कोर्ट ने उसे कड़ी फटकार लगाई और सेवा का आदेश दिया।


निष्कर्ष

2025 में संपत्ति से जुड़े ये फैसले और नए नियम समाज में पारिवारिक, सामाजिक और कानूनी संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनसे न केवल संपत्ति विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी बल्कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा भी होगी।