भारत में वोटर आईडी और आधार कार्ड लिंकिंग को लेकर चुनाव आयोग (EC) ने नया प्रस्ताव रखा है। अब अगर कोई मतदाता अपना आधार नंबर देने से इनकार करता है, तो उसे निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) के सामने पेश होकर कारण बताना होगा। चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया।
मतदाता सूची में गड़बड़ी रोकने के लिए उठाया गया कदम
चुनाव आयोग का यह कदम मतदाता सूची में गड़बड़ी रोकने और डुप्लिकेट एंट्री हटाने के लिए उठाया गया है। अब तक 66 करोड़ मतदाताओं ने स्वेच्छा से अपने आधार नंबर दिए हैं, लेकिन अभी तक यह डेटा वोटर आईडी से लिंक नहीं किया गया है। भारत में कुल 98 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड वोटर हैं।
वर्ष | कुल रजिस्टर्ड मतदाता | आधार लिंक किए गए मतदाता |
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2023 | 98 करोड़ | 66 करोड़ |
आधार नंबर नहीं देने पर ERO के सामने पेश होना होगा
अगर कोई मतदाता अपना आधार नंबर नहीं देना चाहता है, तो उसे निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) के सामने पेश होकर कारण बताना होगा।
ERO के अधिकार
- ERO (Electoral Registration Officer) को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13B के तहत अधिकार प्राप्त हैं।
- ERO का चयन चुनाव आयोग द्वारा राज्य सरकार के परामर्श से किया जाता है।
- ERO के पास मतदाता सूची को अपडेट, संशोधित और सत्यापित करने की जिम्मेदारी होती है।
फॉर्म 6B में होगा बदलाव
वोटर आईडी को आधार से जोड़ने के लिए फॉर्म 6B में बदलाव किया जाएगा।
फॉर्म 6B (पुराना नियम) | फॉर्म 6B (नया नियम) |
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मतदाता को आधार नंबर देना अनिवार्य था या घोषणा करनी होती थी कि आधार उपलब्ध नहीं है। | मतदाता को आधार नंबर देने से इनकार करने पर कारण बताना होगा। |
क्या होगा अगर वोटर आधार नहीं देगा?
- ERO के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा।
- आधार न देने के कारण की पुष्टि करनी होगी।
- चुनाव आयोग द्वारा नामांकन प्रक्रिया में बदलाव संभव है।
- आधार लिंकिंग से बचने वालों पर अतिरिक्त सत्यापन हो सकता है।
क्या आधार लिंकिंग अनिवार्य होगी?
चुनाव आयोग का कहना है कि आधार लिंकिंग स्वैच्छिक है, लेकिन अगर कोई मतदाता आधार नहीं देना चाहता, तो उसे कारण बताना अनिवार्य होगा।
यह कदम मतदाता सूची को साफ-सुथरा और फर्जी एंट्री हटाने के लिए लिया गया है।
अगर आप अपना वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं कराना चाहते हैं, तो आपको ERO के समक्ष पेश होकर उचित कारण बताना होगा।