सरकार यूनिवर्सल पेंशन योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को पेंशन के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। इस योजना में संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के कामगारों को पेंशन का लाभ मिलेगा। फिलहाल, कई असंगठित क्षेत्र के श्रमिक (जैसे निर्माण श्रमिक, घरेलू कर्मचारी, और दिहाड़ी मजदूर) किसी भी सरकारी पेंशन योजना के दायरे से बाहर हैं।
योजना के मुख्य बिंदु:
✅ स्वैच्छिक और अंशदायी योजना होगी, यानी कोई भी इसमें अपनी मर्जी से योगदान कर सकेगा।
✅ यह योजना रोजगार से नहीं बंधी होगी, जिससे सभी नागरिक इसमें शामिल हो सकते हैं।
✅ सरकार इस योजना को लागू करने के लिए शेयरधारकों और विशेषज्ञों से राय-मशविरा कर रही है।
✅ स्वयं का योगदान आवश्यक होगा, सरकार इसमें वित्तीय सहायता नहीं देगी।
यूनिवर्सल पेंशन योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य देश में पेंशन कवरेज का विस्तार करना और मौजूदा पेंशन योजनाओं को सरल और एकीकृत करना है। वर्तमान में, सरकार कई अलग-अलग पेंशन योजनाएं चला रही है, जिनमें शामिल हैं:
- अटल पेंशन योजना (APY) – 60 वर्ष की आयु के बाद 1,000 से 5,000 रुपये मासिक पेंशन देती है।
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) – रेहड़ी-पटरी वालों, घरेलू कामगारों, मजदूरों आदि के लिए बनाई गई योजना है, जो 60 वर्ष की उम्र के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन देती है।
- एनपीएस ट्रेडर्स योजना – छोटे व्यापारी और स्वरोजगार करने वालों के लिए, जिसमें 55 से 200 रुपये के मासिक योगदान पर 3,000 रुपये पेंशन मिलती है।
सरकार इन योजनाओं को एकीकृत करने और प्रक्रिया को आसान बनाने पर विचार कर रही है ताकि बुजुर्गों को अधिक लाभ मिल सके और डुप्लिकेट लाभार्थियों को हटाया जा सके।
यूनिवर्सल पेंशन योजना से जुड़े प्रमुख तथ्य
बिंदु | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | यूनिवर्सल पेंशन योजना |
लॉन्च करने वाला विभाग | श्रम मंत्रालय |
लाभार्थी | 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक |
योजना का प्रकार | स्वैच्छिक और अंशदायी |
सरकारी योगदान | नहीं होगा |
योगदान प्रक्रिया | स्वयं का योगदान आवश्यक |
पेंशन प्राप्त करने की आयु | 60 वर्ष के बाद |
संभावित पेंशन राशि | 1,000 से 5,000 रुपये (योजना के अनुसार) |
संबंधित योजनाएं | अटल पेंशन योजना, पीएम-एसवाईएम, एनपीएस ट्रेडर्स |
लक्ष्य | असंगठित और संगठित क्षेत्र के सभी कामगारों को पेंशन देना |
2036 तक 22.7 करोड़ होगी बुजुर्ग आबादी
भारत में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अनुमान के अनुसार:
➡️ 2036 तक 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के बुजुर्गों की संख्या 22.7 करोड़ (कुल आबादी का 15%) हो जाएगी।
➡️ 2050 तक यह संख्या 34.7 करोड़ (कुल आबादी का 20%) तक पहुंच जाएगी।
इसलिए, सरकार एक मजबूत और समावेशी पेंशन योजना लागू करने पर विचार कर रही है ताकि सभी नागरिक वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा प्राप्त कर सकें।
सरकार की रणनीति और संभावित बदलाव
✅ यूनिवर्सल पेंशन योजना में अटल पेंशन योजना को भी शामिल किया जा सकता है।
✅ निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन देने के लिए भवन व अन्य अधिनियम के तहत उपकर का उपयोग करने का सुझाव दिया गया है।
✅ राज्यों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपनी पेंशन योजनाओं को इस नई योजना के साथ जोड़े।
यदि यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो भारत के लाखों असंगठित और संगठित क्षेत्र के कामगारों को इसका लाभ मिलेगा और वे अपनी वृद्धावस्था को सुरक्षित बना सकेंगे।