नया शिक्षा सत्र 2025-26 शुरू होने से एक माह पहले जिले के सभी निजी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर स्कूल में पढ़ाई जाने वाली पुस्तकों की सूची, लेखक और प्रकाशक का नाम तथा मूल्य अपलोड करना अनिवार्य होगा।
इसके साथ ही, निजी स्कूल किसी भी एक दुकान से किताबें खरीदने का दबाव नहीं बना सकेंगे। यदि कोई स्कूल एक विशेष पुस्तक विक्रेता से किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के डीईओ रामगोपाल शर्मा ने इस संबंध में सभी निजी स्कूलों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। यह निर्णय अभिभावकों की लगातार आ रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि कई निजी स्कूल एक दुकान से किताबें खरीदने के लिए दबाव डालते हैं और अनावश्यक रेफरेंस बुक्स भी शामिल कर देते हैं।
क्या होंगे नए नियम?
✅ नया सेशन शुरू होने से 30 दिन पहले (अर्थात मार्च 2025 तक), निजी स्कूलों को अपनी पुस्तकों की सूची, लेखक, प्रकाशक और मूल्य की जानकारी नोटिस बोर्ड व वेबसाइट पर उपलब्ध करानी होगी।
✅ पाँच साल तक स्कूल यूनिफॉर्म में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा ताकि अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ न पड़े।
✅ कम से कम तीन अलग-अलग विक्रेताओं के पास किताबें और यूनिफॉर्म उपलब्ध होनी चाहिए ताकि अभिभावकों को किसी एक दुकान से खरीदने की बाध्यता न हो।
✅ किसी भी शिक्षण सामग्री (किताब, कॉपी, बैग, यूनिफॉर्म आदि) पर स्कूल का नाम अंकित नहीं होगा और स्कूल परिसर में इनकी बिक्री प्रतिबंधित रहेगी।
✅ अभिभावकों को स्कूल ड्रेस, टाई, बेल्ट, और किताबें खुले बाजार से खरीदने की पूरी स्वतंत्रता होगी।
निगरानी और शिकायत दर्ज कराने की सुविधा
शिक्षा विभाग ने इन दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं।
🔹 राउमावि हाडला भाटियान, बीकानेर के प्रधानाचार्य शिव शंकर चौधरी को पर्यवेक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया है।
🔹 यदि किसी स्कूल द्वारा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है, तो अभिभावक अपनी शिकायत पर्यवेक्षण अधिकारी को वाट्सऐप नंबर 9414425861 पर भेज सकते हैं।
डीईओ ने दी चेतावनी – नियम नहीं माने तो होगी कड़ी कार्रवाई
माध्यमिक शिक्षा विभाग के डीईओ रामगोपाल शर्मा ने कहा कि निजी स्कूलों को इन दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। यदि कोई स्कूल इनका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह निर्णय अभिभावकों के हित में लिया गया है ताकि वे अपनी सुविधा और बजट के अनुसार किताबें व यूनिफॉर्म खरीद सकें और किसी भी तरह के अनावश्यक दबाव से मुक्त रहें।
📢 अभिभावकों से अनुरोध – यदि आपको कोई स्कूल एक विशेष दुकान से किताबें या यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव डालता है, तो इसकी शिकायत पर्यवेक्षण अधिकारी या शिक्षा विभाग को तुरंत करें।