राजस्थान में छोटे जिलों की मान्यता होगी रद्द, यहां से देखे पूरी जानकारी

Rajasthan New district Cancelled: अगर आप भी राजस्थान के नागरिक है और अपने नए जिले के बारे में जानना चाहते है तो आप सभी के लिए यह जानना जरूरी है की भजनलाल शर्मा ने 19 नए जिलों के बारे में समीक्षा के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी ललित के पंवार की समिति के गठन को मंजूरी दी है।

जिस प्रकार से पूर्व सरकार ने राम लुभाया कमेटी को नए जिले के लिए दिया था उसी प्रकार भजनलाल सरकार एक दर्जन जिलों को रद्द कर सकती है।

क्योंकि पूर्व सरकार के द्वारा कुछ ऐसे नए जिले बना दिए है जो सीमांकन और आबादी के लिहाज से पैमाने फिट नहीं बैठ रह है। ऐसे नए जिलों पर अब संकट के बादल मंडराते जा रहे है।

पुराने जिलों को कैंसल को लेकर

दरअसल, गहलोत सरकार में बने नए 17 जिलों में राजस्व से संबंधित सभी काम पुराने मूल 17 जिलों में तैनात कलेक्टर ही करेंगे। भजनलाल सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए मूल जिलों में लगे कलेक्टर्स के पावर को मार्च 2025 तक बढ़ा दिया है।

गहलोत सरकार ने नए जिले सेटल होने तक कुछ समय के लिए मूल जिलों को भुगतान और राजस्व कलेक्शन की शक्ति दी थी, लेकिन इसका एक साल का समय बढ़ाने का मतलब कुछ नए जिलों को फिर से पुरानों में मर्ज करने से जोड़कर देखा जा रहा है।

दरअसल, बीजेपी नेता सत्ता में आने से पहले कई छोटे जिलों पर सवाल उठाते हुए इन्हें खत्म करने की बात कहते थे।

अब सरकार ने नए जिलों के रिव्यू के लिए मंत्रियों की कमेटी बना रखी है। रिव्यू कमेटी गहलोत राज के सभी जिलों की व्यावहारिकता और जरूरत का आकलन करके अपनी सिफारिशों के साथ रिपोर्ट देगी। मं​त्रियों की कमेटी के साथ रिटायर्ड आईएएस ललित के पवार कमेटी भी बनाई है। पवार कमेटी की रिपोर्ट के बाद मंत्रियों की कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी।

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कौन से नए जिले सरकार की मापदंडों में नहीं बैठ रहे फिट?
सूत्रों के अनुसार राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में 10-12 जिलों का सीमांकन व आबादी जिला बनाने के पैमाने पर फिट नहीं बैठ रही। नए बनाए जिलों में ब्यावर, बालोतरा और डीडवाना-कुचामन आदि का स्टेटस बरकरार रहने की पूरी संभावना है।

डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में बनी मंत्रिमंडलीय उप समिति ने नए जिलों की समीक्षा के लिए काम किया है। पूर्व आईएएस ललित के. पंवार की अध्यक्षता में बनी समीक्षा समिति की रिपोर्ट तैयार हो गई है, जिसे 30 अगस्त तक सरकार को सौंप दिया जाएगा। 02 सितम्बर को सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेगी कि नए जिलों में से कितनों को रखा जाएगा और कितनों को समाप्त किया जाएगा।

इन जिलों पर मंडरा सकता है खतरा

सूत्रों की मानें तो राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार करीब 12 जिले ऐसे में हैं, जो सीमांकन और आबादी के लिहाज से जिला बनाने के पैमाने पर फिट नहीं बैठ रहे हैं। ऐसे में इन जिलों को रद्द किया जा सकता है। इनमें जयपुर का दूदू, अलवर का खैरथल-तिजारा, भीलवाड़ा का शाहपुरा, जालोर का सांचौर, भरतपुर का डीग, सवाई माधोपुर का गंगापुर सिटी, जयपुर का कोटपूतली-बहरोड़, उदयपुर का सलूम्बर, सीकर का नीमकाथाना, अजमेर का केकड़ी, बीकानेर का अनूपगढ़ और जोधपुर का फलोदी शहर शामिल है।

 राजस्थान में नए जिलों का नया पता बदलेगा

राजस्थान के नए जिले

राजस्थान में पहले 33 जिले थे। लेकिन, पिछले साल पहले 19 नए जिले बनाए गए थे। खास बात ये रही थी कि जयपुर और जोधपुर को दो भागों में बांटा गया था। इस कारण अब ​कुल जिलों की संख्या 50 है। पिछले साल अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, फलौदी, गंगापुर सिटी, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर शहर, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, नीमकाथाना, सलूम्बर, सांचौर, शाहपुरा (पिछले साल बनाए गए थे ये नए जिले।